कहानी : राखनवार
मिसिज़ चावला पूरे पांच वर्ष बाद भारत वापस आईं. उनके पति ने अपने घरवालों को खबर तो भेज दी थी
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Read Moreयह कैसा मदर्ज़ डे था, सोहन सिंह की बूड़ी मां ने आज आख़री सांस ली थी। बात यह नहीं थी
Read More” केशव !!..” पीछे से किसी महिला की आवाज सुन केशव ने पलट के देखा “ओह!!!! नंदिता ….” केशव ने
Read More“अरे अभी तक तैयार नहीं हुई क्या?…..कितनीं देर और लगाओगी ?” ड्राइंग हॉल में बैठे राघव ने जोर से आवाज
Read Moreआज नीता की आँखों में खुशी के आंसु थे। बरसों पहले ज़िंदगी ने नीता को आंसुओं का कभी खत्म न
Read Moreप्रिया ने मुझसे पूछा ये BHMB क्या होता है। मैने गौर से प्रिया को देखकर कहा ‘नहीं जानता।’ मेरा जवाब
Read Moreसन् 2000 हरिनाथ कुँए के ठन्डे-ठन्डे पानी को देह पर उड़ेल-उड़ेलकर हरि ॐ, हरि ॐ का जाप कर रहे थे
Read More“बाग़ बिन पर्यावरण” बुजुर्गों ने अपने हाथों से बाग़ लगाया था गाँव के चारों ओर, याद है मुझे। मेरा गांव
Read More“शिमला! तुमने माँ को शिमला जाने के लिए क्यूँ कहा?” “यहीं रखा है फोन। लगा लो माँ को, और बोल
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