नवल किशोरी चली….
नवल किशोरी चली, ब्रज की चकोरी चली मुरली की तान सुन, मन नाहि धीर है। जिसे देखो हर कोई, सुध
Read Moreनवल किशोरी चली, ब्रज की चकोरी चली मुरली की तान सुन, मन नाहि धीर है। जिसे देखो हर कोई, सुध
Read Moreशब्द-शब्द दर्द हार, सुनो मात ये गुहार, गर्भ में पुकारती हैं, नर्म कली बेटियाँ। रोम-रोम अनुलोम, हो न जाए स्वांस
Read Moreधीरज मन झरने लगा, कटा आम का पेड़ गरमी बढ़ती जा रही, दिखे पेड़ इक रेड़दिखे पेड़ इक रेड, हरे
Read Moreविधाता छन्द= १२२२ १२२२ १२२२ १२२२ १२२२ निशा दिखती शमा जैसी – बहारो गीत गाओ तुम सुधा पीकर जिए लैला
Read Moreदेख चुनावी जीत को, मनवा भरे उमंग नेता जी पर चढ़ गया, जूं फ़ागुन का रंग जूं फ़ागुन का
Read Moreजवाँ तुम हो जवाँ हम हैं, जवाँ ये वादियाँ सारी। जवाँ है धड़कनें दिल की, जवाँ मैं दिल गयी हारी।
Read Moreकजरे की धार नही मोतियों के हार नही चेहरा रुप रंग अंग सब बे मिसाल है बिन श्रृंगार रुप देख
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