गीतिका/ग़ज़ल *डॉ. डी एम मिश्र 12/03/202512/03/2025 0 Comments ग़ज़ल ज़माने को ताक़त दिखाने चला हैगरीबों की हस्ती मिटाने चला है किसी की खु़शी उससे देखी न जातीहमें सिरफिरा वो Read More
गीतिका/ग़ज़ल *रवि रश्मि 'अनुभूति' 12/03/202512/03/2025 0 Comments ग़ज़ल उन्हें देख अब सँवरने हम लगे हैं।कदम दर कदम बहकने हम लगे हैं।। अभी आ रहे देख इंतज़ार हमको।यहीं अब Read More
गीतिका/ग़ज़ल डॉ. मुश्ताक़ अहमद शाह 12/03/202512/03/2025 0 Comments ग़ज़ल क्यों सरकार हम को तुम सताते हो,इंतज़ार,वादा करते हो भूल जाते हो।पसंद आती है हमको ये बेरुखी तेरी।अच्छा है तुम्हें Read More
गीतिका/ग़ज़ल डॉ. मुश्ताक़ अहमद शाह 10/03/202510/03/2025 0 Comments ग़ज़ल लब गर ख़ामोश हैं तेरे,तो आंखों से पढ़ लेंगे।तुम्हारे होंठों पर हम अपने होंठों से लिख देंगे।न कोई गिला हमें Read More
गीतिका/ग़ज़ल डॉ. मुश्ताक़ अहमद शाह 10/03/202510/03/2025 0 Comments ग़ज़ल जर्रे ज़र्रे में सरकार नज़र आ रहे हो तुम।क्या बात है जो मुझको सता रहे हो तुम। ये क्या ऐसे Read More
गीतिका/ग़ज़ल केशव शरण 08/03/202508/03/2025 0 Comments ग़ज़ल इश्क़ बदहाल हज़ारों का हैऔर ये वक़्त बहारों का है दिल बुझा और नज़र फीकी-सीपर चटक रंग नज़ारों का है Read More
गीतिका/ग़ज़ल केशव शरण 08/03/202508/03/2025 0 Comments ग़ज़ल बिन हुए नाम हमारा क्या हैरंग या दाम हमारा क्या है बज़्म या बाॅर कहाँ हम होंगेहो गई शाम हमारा Read More
गीतिका/ग़ज़ल रमा वर्मा 07/03/202508/03/2025 0 Comments ग़ज़ल प्यार हम जिनसे बेशुमार करेंउनकी बातों का एतबार करें हौसले अपने उस्तवार करेंख्वाहिशें चाहे बेशुमार करें मसअले भी सुलझते जाएंगेक्या Read More
गीतिका/ग़ज़ल *डॉ. भगवत स्वरूप 'शुभम' 07/03/202507/03/2025 0 Comments गीतिका इडली के सँग सौंधी साँभर क्या कहने!पूड़ी – रोटी एक बराबर क्या कहने!! हाथ-हाथ में मोबाइल नर-नारी के,गली -गली में Read More
गीतिका/ग़ज़ल डॉ. मुश्ताक़ अहमद शाह 06/03/202506/03/2025 0 Comments मैं लिखुं ग़ज़ल याद करके ज़ालिम और मुझको सज़ा न दे।तेरे वादों का ऐतबार नहीं मुझको दग़ा न दे।पुरानी मुहब्बतों के चिराग़ फ़िर Read More