ग़ज़ल
देख दूजों को हँसा करके मज़ा लेते हैं।आज भूखों को खिला करके मजा लेते हैं।। प्यार करते हैं बताते कब
Read Moreगंगा यमुना सरस्वती, प्रियल त्रिवेणी धार।अग-जग को नित तारती,करती जन उपकार।। महाकुंभ मेला लगा, तीरथराज प्रयाग,मन मैला अघ ओघ से,मन
Read Moreबस दिल से सच्चा हिंदुस्तानी बन।आये देश के काम वह जवानी बन॥ क्यों जला रहा ख़ुद से ही ख़ुद को,अगर
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