गीतिका
मोम-सा पिघला गए। छू बदन शरमा गए।।1 हो गया जीवन हरा,जब जलद से छा गए।2 बात कर वे रूप की,गीत
Read Moreढलती रात में धीरज धरो,इक नया सवेरा लाएगा। बीत जाएगा आज है कल ,अतीत बन के आएगा। ढलती रात में
Read Moreउमड़ा दिल में प्यार,बता तो दे।छोड़ दिया घर द्वार,बता तो दे।1 सुंदर है रँग- रूप ,सुहानी है,कैसा है व्यवहार ,बता
Read Moreगीतिका लिखता रहूँ नित काव्य नूतन प्यार दे माँ शारदे।मम लेखनी को भाव का उपहार दे माँ शारदे।।1 भावुक नहीं
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