ग़ज़ल
हमको जीवन का दर्शन बताने लगेआईने हमको हँसना, सिखाने लगे। वो छिपाकर के अपने, बगल में छुरीकिस्से गिरिधर- सुदामा के
Read Moreमारकाट, मारामारी हैदिन में छायी अँधियारी है बढ़ा प्रभाव झूठ का इतनाहुआ सत्य पर ही भारी है दृष्टि मछलियों पर
Read Moreमुस्कुराहट साथ है अगर है गीतप्यार है जिस ओर, बस उधर है गीत है लगन कोई तो फिर महसूस होवरना
Read Moreदिल में सावन की झड़ियां लगा रही हैइश्क़ की बारिश, मन को भिगा रही है उमड़ रहे हैं मचलते अरमानों
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