ग़ज़ल
न करना हमसे कोई बहाना, अभी तो आहट चटक रही है।तभी बनाया हमें जो अपना, वह साँस अब तक धड़क
Read Moreतेरी नज़रों सी नज़र मैं कहाँ से लाऊं,बेसबब क्यों मैं तुझसे ख़फ़ा हो जाऊं,राब्ता मुझसे महफ़िल में नहीं उसका,बेहतर है
Read Moreजिंदगी के हर एक पहलू जब सजाए,वाह-वाही का तांता हर ओर से पाए।। ऐसा नहीं हुआ हर बार संग मेरे
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