ग़ज़ल
जिन्दगी बीती कहानी है तो है । ढलते सूरज की रवानी है तो है। जिन्दगी के दरमियां बस, खून पानी
Read Moreतुम जो बिछड़े तो मैं बिखर जाऊंगा । तन्हा , बताओं कैसे मैं सहर पाऊंगा । बातें बन जाती बिगड़ी भी बनाएं
Read Moreदहशते दर्दे कोरोना हर तरफ़ दिखाई देता है , जज़्बा – ए – मोहब्बत भी दिलों में दिखाई देता है
Read Moreमेरे मालिक मेरे मौला ये क्या दुनिया बनाई है किसी के पास खाने को मगर बह खा नहीं पाये तेरी
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