गीतिका
नहीं कभी देखा जग ने, घास भेड़िया खाता हो,नहीं कभी देखा उसको, रोटी पर ललचाता हो?जंगल का राजा भी कब,
Read Moreराजनीति का महासमर है !! जिसका चर्चा हर घर घर है!! पता नहीं किस करवट बैठे,, ऊंट, सभी को इसका
Read Moreतुम जो बिछड़े तो मैं बिखर जाऊंगा । तन्हा , बताओं कैसे मैं सहर पाऊंगा । बातें बन जाती बिगड़ी भी बनाएं
Read Moreदहशते दर्दे कोरोना हर तरफ़ दिखाई देता है , जज़्बा – ए – मोहब्बत भी दिलों में दिखाई देता है
Read Moreमेरे मालिक मेरे मौला ये क्या दुनिया बनाई है किसी के पास खाने को मगर बह खा नहीं पाये तेरी
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