ग़ज़ल
गुनाहों से पर्दा कभी तो उठेगाकहाँ तक कोई भाग करके बचेगा कहाँ तक करेगा ज़बाँ बंद मेरीकटेगा गला तो लहू
Read Moreफिर हुआ परेशां दिल तेरी याद आने पर।फिर हुई जवां धड़कन तेरी याद आने पर।। लिखते-लिखते खत ऑंखें भी भरी
Read Moreइस धरा पर जन्म का उपहार माँ से ही मिला,गर्भ में संस्कार का आचार माँ से ही मिला। माँ सदा
Read More