ग़ज़ल
गुलाबों के निखर जाने का मौसमतुम्हारे शहर में आने का मौसम मुसलसल याद तुमको कर रहे हैंहै यानी दिल को
Read Moreतूफ़ानी मौजों से कह दो वो ख़ुद मिलने आती हैहिंदुस्तानी कश्ती है बस इतना तआरुफ़ काफ़ी है काँटों रस्ते से
Read Moreबहुत कुछ कहना चाहता है तुमसे मेरा दिल।मगर उसको हाले दिल कहना नहीं आता । एक शोर है दिल की
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