ग़ज़ल
सत्य को ख़ूब छान लेते हैं। जब किसी का बयान लेते हैं। नाप सारा जहान लेते हैं। जब परिन्दे उड़ान
Read Moreरोशनी कुछ इस तरह आजकल मेरे घर में हुआ करतीं हैं। ख़ून की बूंदें,बनकर अश्क आंखों से गिरा करती हैं।
Read Moreमेहबुब मेरे इस तरह से अब हमको रुसवा न करो , मुहब्बत है, खेल नहीं है , तुम कोई तमाशा
Read Moreसाहित्य का गुलज़ार बनाया पातर ने। एक अलग संसार बनाया पातर ने। सृजन वाली शक्ति भक्ति उस में थी, बिम्बों
Read Moreलोग तन्हाई में आँसू बहाते होंगेयाद कर मांजी को दिल भी जलाते होंगेमेरे मुकद्दर में उजाले की किरन कहाँलोग बेकार
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