ग़ज़ल : वफ़ा जिनमें न हो वो रिश्ते अक्सर टूट जाते हैं
वफ़ा जिनमें न हो वो रिश्ते अक्सर टूट जाते हैं अगर कमज़ोर हो बुनियाद तो घर टूट जाते हैं न
Read Moreवफ़ा जिनमें न हो वो रिश्ते अक्सर टूट जाते हैं अगर कमज़ोर हो बुनियाद तो घर टूट जाते हैं न
Read Moreबेटे छत खिड़की दरवाज़े और घर की अँगनाई बिटिया सारे रिश्ते फूल चमेली और भीनी पुरवाई बिटिया क़तरा क़तरा मोती
Read Moreसजा क्या खूब मिलती है किसी से दिल लगाने की तन्हाई की महफ़िल में आदत हो गयी गाने की हर
Read Moreवे सुना है चाँद पर, बस्ती बसाना चाहते। विश्व में आका हमारे, यश कमाना चाहते। लात सीनों पर जनों के,
Read Moreरगों में जैसे कुहरे की घटाएँ डोलती हैं अजब बेचैनियाँ दिल में हवाएँ घोलती हैं हमारे शहर ने कितनी तरक़्क़ी
Read Moreअक़ीदत झूठ की करता नहीं मैं बदी के रास्ते चलता नहीं मैं मुझे आता है लड़ना मुश्किलों से किसी भी
Read Moreबुजुर्गों का अदब रखती है गाँवों में नज़र अब भी बड़ों के सामने झुक जाते हैं छोटों के सर अब
Read Moreअजब ज़िन्दगी का गज़ब फ़लसफ़ा है हँसे तो इबादत वगरना सजा है वही जीत पाया है हर इक लड़ाई मिलाकर
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