ग़ज़ल
तेरी जुदाई आज फिर अश्कों में ढल गई, होते ही शाम यादों की इक शमा जल गई माना था बड़ी
Read Moreमहफिल में भी खुद को उदास रखती हूँ तेरे ख्यालों को मैं अपने पास रखती हूँ अब तो कह देते
Read Moreअगर कहीं भी बंधु, चिरागों पर चर्चा हो भव-भूतल के बिसरे कोनों पर चर्चा हो व्यर्थ विलाप, निराशा, रुदन, विसर्जित
Read Moreतुम्हे गुरुर है अपने कान्हा परहम भी कुर्वान अपनी जाना पर। दिल देके भी वेवफाई मिली जिसकोफकीरा भी बने उसकी
Read Moreहम यूँ न आदर अदाया करते है बड़ हुनर सम्मान समाया करते है अजीब ख़ुशी मिलती है सआदर में पराए
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