लेखनी तू खुलके बोल
लेखनी तू खुलके बोल हिय तराजू तौल बोल,असंख्य प्रतिबिंब धरे तेरा जीवन है अनमोल। प्रखर प्रताप हिय समाये कुंठाओं में
Read Moreलेखनी तू खुलके बोल हिय तराजू तौल बोल,असंख्य प्रतिबिंब धरे तेरा जीवन है अनमोल। प्रखर प्रताप हिय समाये कुंठाओं में
Read Moreलेकर नव उल्लास द्वार पर आया है ऋतुराजरंग बिरंगे पुष्प सुवासित धरा सजाए साज अमराई भर गई बौर से हर
Read Moreजल की बूंदें जीवन धाराजल से जीव जगत है सारा।जल से है जग में खुशहालीजल से धरती में हरियाली।हृदय में
Read Moreमैं तिरँगा तीन रंग का चौथे रंग में रंग जाता हूँलेकर लहू लाल रंग लाल की बलि चढ़ाता हूँकोख कलाई
Read Moreजन्न्त का पहनावा पा कर आई फिर बसंतधरती दुल्हन भांति सजा कर आई फिर बसंतखुशबू के अलंकार सुशेभित तेज़ हवाओं
Read Moreश्रेष्ठ जनों से लीजिए, जीवन पथ आधार।उनका ही आशीष ले, करें स्वप्न साकार।। नीति नियम भी आपके, जीवन का हो
Read Moreइस की शोभा अजब निराली अमर रहे गणतंत्र प्यारा।कुर्बानी भीतर खुशहाली अमर रहे गणतंत्र प्यारा।आज़ादी के जन्म दिवस पर इस
Read Moreयही जी चाहता है बस इन्हीं खेतों में खो जाऊँइसी मिट्टी में रम जाऊँ इसी दुनिया में खो जाऊँ इसी
Read Moreभले ही कोई साथ नहीं है, भले ही, हाथ में हाथ नहीं है।दूरी भले ही बनाई तूने, नहीं कहा कभी,
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