भारत मां का रूप निराला
भारत मां का रूप निराला, आभा इसकी निराली है।बर्फ से ढके पहाड़ इस के, नदियों से हरियाली है। किसान करते
Read Moreभारत मां का रूप निराला, आभा इसकी निराली है।बर्फ से ढके पहाड़ इस के, नदियों से हरियाली है। किसान करते
Read Moreप्रेम दिखावा मात्र, छल कपटी इंसान है यहाॅं।संस्कार सब भूल रहे, नहीं धर्म ईमान है यहाॅं।मानव रहा कहाॅं? अब दानव
Read Moreसम्यक दर्शन, सम्यक ज्ञान से, सम्यक चरित्र जो पाता है। पाकर स्वयं पर विजय वर्धमान, महावीर बन जाता है।। अनंत
Read Moreकुछ उसने जाना है, कुछ मैंने जाना है।जीवन को जीने का, बस एक बहाना है।। कुछ अच्छा करने को, सब
Read Moreप्रेम में नहीं भिन्न कुछ होता, एकाकार हो जाते हैं। तन-मन-धन सब मिलकर ही, गीत मिलन के गाते हैं।। तन
Read Moreप्रेम नहीं सबको मिल पाता, सबके ही परिवार न होता।फसल और ही ले जाते हैं, पाता नहीं, जो उसको बोता।।
Read Moreहै अति मंगलकारी प्रभु का नामजय श्री राम,बोलो जय श्री रामचाहे सुबह हो, या हो शामश्री राम जय राम, जै
Read Moreछुपे हुए सच को बाहर आ जाने दीजिए।लिखा जिसने गाना उसको गाने दीजिए।। छुपना और छुपाना क्यों,झूठ ज्यादा फैलाना क्यों,सच्चाई
Read Moreआया पर्व सुहाना है गवरा को पूजना है ।मीठे भजन गाकर के मॉं से “आनन्द” पाना है ।। मॉं गणपत
Read Moreस्वारथ का है खेल जगत का, स्वारथ का ही मेल है। स्वारथ हित है प्रेम उमड़ता, घर बन जाता जेल
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