शान्ति
इस बार जब, तुम बाजार जानाथोड़ी सी शान्ति,भी खरीद लाना। आजकल, घर-घर में इसकी बड़ी, कमी हैसब कुछ, होकर भी
Read Moreवे दिन नहीं लौट कर आतेजो बचपन में बीते। सर्दी गर्मी नहीं सताएसावन भादों बरसे।रहे प्रफुल्लित बचपन खिलताहरसे हरसे हरसे।।हृदय
Read Moreकभी जो भर जाएं आंखें,हाल दिल का लिख देना तुम।कभी जो कहने को हो बहुत,तुम कह न पाओ वो सब
Read Moreतुमने पथ ही मोड़ दिया जिस हाथ से हाथ था पकड़ा, तुमने हाथ वह तोड़ दिया। जीवन पथ पर साथ
Read Moreरुपए के सर ताज सजा है, रुपए का ही राज है।रुपए बिन ना संगी-साथी, रुपए बिन ना काज है।।रुपए से
Read Moreधन बिन अपना कोई न यहाँ पर, संबन्ध भी धन की माया है।धन ही गणित में, धन ही जगत में,
Read Moreहों स्वप्न सभी साकार आपकेनये साल में ! घर बाहर सूरज समृद्धि कीकिरणें बरसाएंसन्ध्यायें सुख-सुविधाओं केमंगल दीप जगायें स्वागत के
Read Moreअकेलापन या एकान्त साधना, समझ नहीं में पाता हूँ। लोगों ने मुझे छोड़ दिया है, या मैं उनको ठुकराता हूँ।।
Read Moreतुम होते हो पास,प्रेम की सरिता बहती है।मन – दर्पण में,वासंती छवि कविता कहती है। अमरबेल की भाँतिलिपट जाते हो
Read Moreआजकल तो एक हफ़्ते में नहाने का चलन है।शत्रु लगता गुसलखाना, दूर से जल को नमनहै।कँपकँपाती देह एवम् थरथराता हुआ
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