मोबाइल
मोबाइल में हो गया, मानव स्वत: गिरफ्त ।अस्त व्यस्त जीवन किया, मस्तिष्क असंतृप्त ।। करना था जीवन सुगम,पर कर लिया
Read Moreपरख पारखी की खरी, चुन चुन करें बखान।कीचड़ से मोती चुने, हीरे के गुण जान।। खोट भरा कितना कहाँ, जाने
Read Moreसंसद में मचता गदर, है चिंतन की बात।हँसी उड़े संविधान की, जनता पर आघात।। भाषा पर संयम नहीं, मर्यादा से
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