मुक्तक
ग़ैरों को मेरी पीर से क्या, दर्द बताना नहीं चाहिये,अपने कुरेद कर देखेंगे, ज़ख़्म दिखाना नही चाहिये।कब क्यों कहाँ कैसे
Read Moreथे सैनिक के भेष में , आताताई नीच।धर्म पूछ हमला किए,पहलगाम के बीच।। आपरेशन सिंदूर त , था ट्रेलर अभ्यास।झुका
Read Moreमुश्किल से तेरी नहीं, हरगिज़ रब अंजान।हर मुश्किल तेरा ख़ुदा, करता है आसान। मैं को अब पीछे करें, हम कर
Read Moreगुरुवर की कर वंदना, नित्य झुकाऊँ माथ।गुरुवर विनती आप से,रखना सिर पर हाथ।। सतगुरु का जो वंदन करते ।ज्ञान ज्योति
Read Moreजीवन में हम सब करें, कुछ तो ऐसा काम।जीवन सुरभित हो उठे ,हर्षित हों घनश्याम।। भौतिक जीवन में बहुत, मिलते
Read More1.देवदूत के मायने, परहित के आधार।करते मन से चाह वे, सपने हों साकार।।2.जीवन उनका धन्य है, जो करते पर काज।देवदूत
Read More1.जीवन सादा जो रखे, वह योगी है आप।मन से करता साधना, हरे पाप संताप॥2.निर्मल मधुमय भावना, योगी की है रीत।जीवन
Read More1.देवदूत के मायने, परहित के आधार।करते मन से चाह वे, सपने हों साकार।।2.जीवन उनका धन्य है, जो करते पर काज।देवदूत
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