“मुक्तक”
मुहब्बत मिली तो मुहब्बत जिया है, जिंदा खिलौना ही अर्पण किया है लिखकर रखा जिसे हमने लहू से, इबारत को
Read Moreजला रहा है कौन सहारनपुर बस्ती को, कभी दलित कभी ठाकुरों की हस्ती को। साध रहा है कौन लक्ष्य होकर
Read Moreशीर्षक- दंगा/झगड़ा/फसाद आदि रोते झगड़े, विलखते झगड़े, किसके हाथ यह फसाद, बिगड़ते रिश्ते, किसके साथ दंगे दर्पण, समर समर्पण,
Read Moreकुनबे और पड़ोस में, अच्छे रखो रसूख। तब रोटी अच्छी लगे, जब लगती है भूख।। — रोटी के अस्तित्व है,
Read Moreमाँ जीवन का सार है, माँ है तो संसार। माँ बिन जीवन लाल का,समझो है बेकार।1। माँ की ममता
Read More(1) किसी बेदर्द से जज्बात का इजहार मत करना, भले ही दाब कर भेंटे कभी व्यवहार मत करना, बड़ा आसान
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