दोहा मुक्तक
जीवन यज्ञ प्रकाश हैं, यही तीज त्यौहार भर देते खुशियां शहर, आप लिए व्यवहार गाँव गिरांव सुदूर से, आशा लाए
Read Moreजीवन यज्ञ प्रकाश हैं, यही तीज त्यौहार भर देते खुशियां शहर, आप लिए व्यवहार गाँव गिरांव सुदूर से, आशा लाए
Read Moreलक्ष्मी गणपति पूजिए, पावन पर्व महान , बाढ़े विद्या बुद्धि धन, मानव होय सुजान. हिया अंधेरौ मिटि रहै, जागै
Read Moreएक कल भगत सिंह का जन्म दिन हमारी सरकार ने कुछ यूं मनाया पार कर सरहद कहा गांधी ही नहीं
Read Moreश्राद्ध गये तो आ गये, माता के नवरात्र। लीला का मंचन करें, रामायण के पात्र।। — विजयादशमी साथ में, लाती
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