मुक्तक : प्रेम करना सीख लो
जिंदगी की चाह हो तो प्रेम करना सीख लो बंदगी रब की करो जी प्रेम करना सीख लो सादगी
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Read Moreसंतुलन======== मापनी —२१२ २ २१२२ २१२२ २१२ जिंदगी का संतुलन बे -जान पत्थर कह रहे / पाट मत सागर भवन
Read Moreतेरे बिस्तर की हर सरवट हकीकत खोल जाती है बदल कर कर करवटें आंखों में सारी रात जाती है। तू
Read Moreराष्ट्र प्रेम जिनमें नहीं जाएँ पाकिस्तान भारत के काबिल नहीं बिगड़े हैं शैतान करे खिलाफत मातृभूमि की कैसी ओछी सोच
Read Moreभूल गई तुम मुझे इस संसार में छोड़कर। ले गई थी तुम मुझे अपने तरफ मोड़कर। हृदय से, तेरे साथ
Read Moreअर्पण है दिल गुलाब सिर्फ आपके लिये धडकन हुई बेताब सिर्फ आपके लिये। आंखों में ख्वाब लब पे आपका ही
Read Moreपलकें तुमने झुकाई हया से प्यार हो गया मुस्कराई तुम जब हौले से इकरार हो गया तुम्हारे साथ होने के
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