छंद
रौब गर तुमको जमाना, जी हुजूरी तुम करो कोष गर तुमको बढ़ाना, जी हुजूरी तुम करो झूठ को है सच
Read Moreगीतों की सरगम लिए , झूम रहा नव साल । पायलों की छमछम पे , थिरके बूढ़े – बाल ।
Read Moreबापू जी सिखला गए,सरल सभ्यता ग्राफ। घर हो चाहे देश हो, रखना प्यारे साफ।।1 घर-आँगन चिकना दिखे,करे लक्ष्मी बास। कूड़ा-करकट
Read Moreअगर सृजन कर जाती प्रेम प्रस्फुटित कर। सृजन-सृजित-मधुर-मिलन संगीनी बनकर। फूलों से सुसज्जित कर हर लो मन की तपन, प्रेम
Read Moreप्यार के मीठे बोल जरा बोल दो मेरे कानों में अमृत जरा घोल दो जिन्दगी का है मेरे ठिकाना
Read More