मुक्तक/दोहा *सतीश बंसल 15/04/201624/04/2016 दोहे मन में गहरे बीजिये, सत्कर्मों के भाव। पार उतारेगी यही, भवसागर से नाव॥ ऊंचा नीचा छोडिये, हम सब हैं इन्सान॥ Read More
मुक्तक/दोहा अंकिता कुलश्रेष्ठ 13/04/201613/04/2016 दोहे पीकर प्याला प्रेम का ~ सब जग पागल होय कोई पूजे प्रीति को~प्राण गँवाता कोय ।। ~~~~ पिया हैं ज्यों Read More
मुक्तक/दोहा मानस मिश्रा 09/04/2016 कुछ दोहे १- महावीर औ बुद्ध का समझे नहीं जो मर्म कर्म काण्ड को छोड़कर लेकर बैठे धर्म २- माई माई कर Read More
मुक्तक/दोहा गुंजन अग्रवाल 27/03/201627/03/2016 मुक्तक पनपते रोज बेमौसम सियासत के दरिंदे हैं शज़र को लूट जाते वो किए बेघर परिंदे हैं कुदूरत को निभाते हैं Read More
मुक्तक/दोहा अनुपमा दीक्षित भारद्वाज 27/03/201627/03/2016 मुक्तक याद आते हो अक्सर रातों में । रो देती हूँ बातों बातों में । पास आओ न छोडो मुझे तनहा Read More
पद्य साहित्यमुक्तक/दोहा रमेश कुमार सिंह 'रुद्र' 26/03/2016 मुक्तक दिन ढल जाता है साम हो जाती है । अंधेरा छा जाता है रात हो जाती है। खिल जाता है Read More
मुक्तक/दोहा डॉ. सोनिया गुप्ता 26/03/2016 दो मुक्तक सबसे पावन है यहाँ, जगदम्बे का नाम नाम जपन जो भी करे, बनते उसके काम काम धाम चलते रहें, चंद Read More
मुक्तक/दोहा अनन्त आलोक 14/03/201614/03/2016 दोहे झिलमिल काली ओढ़नी, मुखड़े पर है धूप | जग सारा मोहित हुआ , तेरा रूप अनूप |१| कश्मीरी हो सेब Read More
मुक्तक/दोहा *मदन मोहन सक्सेना 02/03/201603/03/2016 मुक्तक : अमावस की अँधेरी में… तुम्हारा साथ ही मुझको करता मजबूर जीने को तुम्हारे बिन अधूरे हम विवश हैं जहर पीने को तुम्हारा साथ पाकर Read More
मुक्तक/दोहा *महातम मिश्र 01/03/201602/03/2016 मुक्तक हे यदुनंदन अब तो आओ, जग की नैया पार लगाओ विवश हुआ है जीवन जीना, एक बार तो चक्र चलाओ। Read More