वर्षा ऋतु पर हाइकु
१- बरखा आई झूमती इठलाती नाच नचाती | २- मनुआं भीगा बूंदों की टिप-टिप गीत सुनाती | ३- पाजेब नहीं
Read More१- बरखा आई झूमती इठलाती नाच नचाती | २- मनुआं भीगा बूंदों की टिप-टिप गीत सुनाती | ३- पाजेब नहीं
Read More1) झट आ बैठी खोलते ही झरोखा हठीली धूप। 2) नाचती बूंदें छई छपाक छई दादुर कूदें । 3) पंकिल
Read More1 -कैसी बेढंग ज़िंदगी की कहानी मृत्यु रंगीन । 2 – टिका लूं पैर ठोस धरातल पे तब तो उडूं |
Read More१-आधुनिकता नीलामी संबंधों की खुली दुकान। —— २-बुरा करम खुशहाल जीवन मन का भ्रम । —— ३-सुन्दर तन कनक घट
Read More{१} आंधी जो आई पसीना सूखा गई गर्मी के मारे {२} ढूंढते पानी पशु पक्षी हैरान गर्मी के मारे {३}
Read Moreकर (हाथ) दमड़ी, कसौटी पर रिश्ते, अपना कौन? प्रश्नों से परे, विष फैलाए पैसा, ईमान बना ! अंजु गुप्ता
Read Moreमाथे बिंदिया, बँधी पग पायल, मुरीद पिया ! बजे घुँघरू, फिर सारी रतिया, ढला यौवन ! — अंजु गुप्ता
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