वक्त
अब तो खत नही आते, अब तो खत नही जाते, जो दिल से निकलते थे, अब वो बोध नही आते।
Read Moreफलक पर चांद सितारों की बात करते हैं बाग में आए बहारों की बात करते हैं, रात के स्याह अंधेरों
Read Moreन मन में संकोच है, न भावों में आक्रोश है। मन का पंछी न सुने ,दिल का क्या दोष है।
Read Moreकहीं सूखा, कहीं पर बाढ़, बहुत बेकार लगता है। घुटे प्रतिछन जब जिनगी, बुरा संसार लगता है।। भरी नफरत दिलों
Read Moreरोता अंबर भी आज व्यथित हो धरती पर छाया सन्नाटा कैसा। जो थे अटल स्वयं एक रक्षक। सोते हैं आज
Read Moreभगवान श्रीकृष्ण के वियोग में तड़पि रहे भारी बृज के गोप-गोपियां दे हूकारी टेर लगावैं एक-एक पल चैन सूं रह
Read Moreअश्रु भरे नयनों से तुमको, देखे दुनियां सारी। अजर अमर हो बसे दिलों में, सबके अटल बिहारी। रहा हमेशा सादा
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