मन
अजब सी हलचल है ये मन भी चंचल है घर बैठे ही कर लेता पूरी दूनियॉ की सैर है ना
Read Moreबचपन मे ही छिन गया बचपना विद्यालय जाना भी हो गया दूर्लभ चिलचिलाती धूप मे भी तोडना पड रहा है
Read Moreमैं हूँ शरण तेरी मुझे माँ शारदे वरदान दो मैं मूढ़ हूँ माँ आज मुझको भी दया का दान दो
Read Moreऐ दिल सीख ले ज़माने में हालात के हिसाब से ढलना कि तेरे शौक और फरमाइशें मेरे तो बस के
Read Moreइन्सान जब करता है मिसयूज़। भगवन भी सब देख के होता है कन्फ्यूज़। कभी बने बो लखपति कभी रहे बिन
Read Moreकई बड़े कवियों को,मंच पर , एक ही गम खा जाता है, कि ‘कविता’ का रंग कैसे, हर महफ़िल में
Read Moreएक बार फिर से चल चित्र की भाँति विगत का कुछ धुंधला स्मरण……….. चित्रवत उभरने लगा है जब भी अकेलापन
Read More???????? एक सूरज तुम हथेली आज धर लो साथियो छोड़ के अपना पराया कर बसर लो साथियो आपसी मतभेद
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