ग़ज़ल
ये दस्तंदाजियां ये करावतें हर लम्स पे ज़हन का पहरा है सुरखुरु फिर भी मोहब्बत और जख्म गहरा है ये
Read Moreइस बार रक्षा-बंधन के पावन औसर पे, एक बहन अपने भाई से बोली बड़े प्यार से, अब मेरी हर दुःख
Read Moreआज हम सभी अपने घरों में खुश और आजाद है, खूब खा रहे है मिठाईया, जब हमारे अपने पास है,
Read More{भाई बहन का पावन पर्व} भ़ईया की शुभ संदेश लाया सावन की पुनम। भाई-बहन का पावन पर्व आया रक्षा बंधन।।
Read Moreभाई तो परदेस बसा है, मैं पर बस इस देश। ओ कागा ले आ रे उसके, आने का संदेश॥ दीपक
Read Moreसूत के धागों को ही रंग कर आज के इस पावन पर्व के लिये रक्षा-सुत्र निर्मित किया जाता है |
Read Moreमाँ कितनी महान होती है उसके चरणों में जन्नत होती है माँ की महिमा का क्या करुँ वर्डडन वो तो
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