अनबूझ पहेली
मैं अनबूझ पहेली हूँ खुद की ही सहेली हूँ होते हैं सभी संग मेरे लाखों में भी अकेली हूँ तेरी
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Read More१-आधुनिकता नीलामी संबंधों की खुली दुकान। —— २-बुरा करम खुशहाल जीवन मन का भ्रम । —— ३-सुन्दर तन कनक घट
Read Moreएक आॅटो टूटा फूटा सा जो जोर से आवाज करता है ना कोई तेजी न कोई ताकत है रोज हजार
Read Moreकाश! मैं एक बच्चा होता अकल का जरा कच्चा होता मन का बहुत सच्चा होता न जाने कितना अच्छा होता
Read Moreचित्र अभिव्यक्ति झूला झूले राधा रानी, संग में कृष्ण कन्हाई ना कदम की डाली, कुंके कोयलिया, बदरी छाई ना झूले
Read Moreतिनका-तिनका बनकर हवा में दूर गया। लिए अपनापन था मगर वो दूर गया। अजीब सा सुरूर वो मुझको दे गया
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