ग़ज़ल
खामोशियाँ बोलें तो सुनने का मज़ा कुछ और है दर्द-ए-दिल चुपचाप सहने का मज़ा कुछ और है तैरना लाज़िम है
Read Moreएक भेड़ के पीछे पीछे खड्ढे में गिरती जाती पूरी कतार को पूरी इस कौम को इतनी सारी ‘मैं’ हम
Read Moreये सोचकर बैल ख़रीदे किसान ने अपनी पहली फसल बेचकर घर को एक बारिश और खाने दे बाद में ठीक
Read Moreकलम में कैद रहते है,तो दम घुटता है लफ्ज़ो का, रिहा होकर बाहर निकले ,तो खुल कर सांस लेते है,
Read Moreझाँका है दूर नभ से रामाँ रहीम बन के निकला है आज चन्दा फिर सज के और संवर के भूलो
Read More•••••••••••••••••• नाच देखे जाइब… (नायक) ओ ही धोबी घटवा-2 अरे, कपड़ा फिचत होईइइइ… मोरे रे दुलहिनीयाँ…… ये ही टाइम आईब
Read Moreआओ हम सब *********** आओ हम सब मिलजुल कर ऐसे घर का निर्माण करें माँ भारती विराजे ऊपर झुक दुनिया
Read Moreदिनकर की स्वर्णिम किरणों ने, धरती का सुंदर रूप सजाया , काले मेघो ने सूरज के संग आँख मिचोली खेल
Read Moreलो आओ आज फिर एक बार, कर लें अर्पण श्रद्धा सुमन उन वीरों को जो, मिट मरे वतन के लिए
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