अंतिम सलाम
जमीं रो पडी आसमान रो पडा उनकी बिदाई पर हिन्दुस्तान रो पडा गर हो सके तो फिर लौट आना कलाम
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Read Moreरोज सपनो मे पलती है रोज हाथों से फिसलती है जिन्दगी ना जाने तु किस गति से चलती है कभी
Read Moreरहा गन्तव्य सबका एक, प्रश्न करते अनेकानेक; बहे बूँदों सरिस धारा, रहे फिर भी मनोहारा ! समय की धार सब
Read Moreसुना है टूट जातें हैं लोग अकड जाने के बाद दरक जाता है आइना इक चोट खाने के बाद बदल
Read Moreमें उडने के सपने संजोती रही,वो मेरे पंख काटते रहे। मे चन्द खुशियां तलाशती रही,वो मुझे घांव बांटतें रहे॥ कुछ
Read Moreभूल सकेगा नहीं देश यह गौरव का अभियान तुम्हारा । हे भारत के भाग्य विधाता तुमको शत सम्मान हमारा ।।
Read Moreअखबार बाँटने से लेकर उनकी सुर्खियाँ बनने तक कागज के जहाज़ों से लेकर राकेट गढ़ने तक, साधारण से असाधारण कि
Read Moreजाने किस तलाश मे थी, वो खामोश आंखें सोच रही थी अपने अतीत के बारे मे, या सहमी थी भविष्य
Read Moreयूं धर्मो के नाम पर, गर हम बंटे ना होते ये मंदिर,ये मस्जिद के झगडे ना होते। बेगुनाहों का खून
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