सावन भी आया, और आसमा में बदल भी छाये| वो बिन बरसे ही घंटो आसमान पे छाये रहे | मै बालकनी में खड़ा चाय की चुश्किया ले रहा था| मेरे 5 साल के भतीजे ने पूछा कि चाचू ये बरस क्यों नही रहा? […]
कविता
आ जाओ कान्हा, अब तो आ जाओ,
आ जाओ कान्हा, अब तो आ जाओ, हर एक सुदामा , गरीब बेचारा, फिरता देखो मारा मारा , कहीं नहीं कोई उसका सहारा आओ उसको गले लगाओ, आ जाओ कान्हा, अब तो आ जाओ, एक द्रोपदी कई दुशासन , रो रो कर हो रही है व्याकुल , सब चीर हरण को कितने आतुर, आकर उसकी लाज बचाओ […]
विरह वेदना
पति जब पत्नी से मिलापत्नी बोली,हे प्राणप्रिये तुम नहीं थेतो लगता था जीवन नहीं हैहे प्रिये तुम्हे मेरी याद आई या नहींपति बोला,तुम ही मेरा जीवन होतुम्हारे बिना कुछ नहीं है मेरा जीवनहे प्रिये जब सावन का मौसम आतातो तुम्हारी याद बहुत आती थीदिन सूने सूने लगते थेपत्नी ने कहा प्रियेअब न जाना मुझे छोड़करविरह […]
जन्माष्टमी की हार्दिक बधाई
जन्माष्टमी की हार्दिक बधाई मोहन मुरली वाला****यशोदा का लालामाखन चुराने चला*****बृज गोपिका घरबृज गोपिका घर******सफल गोपी का जीनासृजनहार दर्शन*****धन्य है तेरा जीना**********************************शान्ति पुरोहित
जय हिंदी जय हिंदुस्तान मेरा भारत बने महान
जय हिंदी जय हिंदुस्तान मेरा भारत बने महान गंगा यमुना सी नदियाँ हैं जो देश का मन बढ़ाती हैं सीता सावित्री सी देवी जो आज भी पूजी जाती हैं यहाँ जाति धर्म का भेद नहीं सब मिलजुल करके रहतें हैं गाँधी सुभाष टैगोर तिलक नेहरु का भारत कहतें हैं यहाँ नाम का कोई जिक्र नहीं […]
स्वतंत्रता दिवस के पर्व पर कुछ हाइकु
वक़्त परिंदा वीर चूमता फंदा झूमा तिरंगा । टूटी है चूड़ी शहीद शहादत पग में बेड़ी । माटी के लाल सो गए माटी गोद माटी निहाल । मैली माँ गँगा भिखमँगा सपूत थामे तिरंगा ।
दो क्षणिकाएं
1 लोग यहाँ अलग अलग दशा में बंटे हुए हैं कुछ गरीब कुछ अमीरी लिए हुए है । हताशा कामयाबी की मारामारी कुछ हुए कामयाब कुछ जूझते हुए है 2 ईश्वर की अनुकम्पा से मिला रत्न एक भारी। स्वस्थ गुणी इंसान बने यही कामना हमारी। था नसीब में रत्न अनमोल समय था विरुद्ध जननी […]
***दिखेगा दूर तक***
हर अन्त के बाद उजालों की रफ्तारदेखते ही बनतीतोरण हमेशा ही करते हैं स्वागतआने दो सुबह कीकेवल किरणसब इसी तरह बदलते हुएदिखेगा दूर तक —मौन
रक्षा बंधन विषयक हाइकु
ताकती द्वार बहन अश्रुधार भाई का प्यार । सजी कलाई हँस पड़ी अँखियाँ राखी जो आई । डाकिया आया राखी अक्षत रोली साथ है लाया । धागा है कच्चा मजहब न देखे रिश्ता ये सच्चा । रक्षा बंधन नोंकझोंक से भरा स्नेह बंधन । स्नेह अपार नोंक झोंक से भरा भाई का प्यार । बिटिया […]
तोड़ना मत उन्हें है खिलते जाना
रोकना मत राह, चाह है बढ़ते जाना। तोड़ना मत फूल, उन्हें है खिलते जाना। भूलना उनको, न था जिन पर बस। कर धरा-हरित, मिटने से बचाना। जख़्म मिलते हैं, मरहम मांगतें बस। हाथ इन्सानियत का, मरहम बनाना। रोकना मत राह, चाह है बढ़ते जाना। तोड़ना मत फूल, उन्हें है खिलते जाना। रात में तारे, उजाले […]