कविता – नए साल ! तुम जल्दी आना
नए साल! तुम जल्दी आना ।संग में अपने खुशियां लाना ।। छोड़ दिए हैं काम अधूरे उसको पूरे करके जाना ।स्वप्न
Read Moreनए साल! तुम जल्दी आना ।संग में अपने खुशियां लाना ।। छोड़ दिए हैं काम अधूरे उसको पूरे करके जाना ।स्वप्न
Read Moreमेरे मन की पीड़ा आखिर जाकर तुमको कौन सुनाये तुमको हँसी खुदा ने सौपी मेरे हिस्से आँसू आये आशाओं के
Read Moreमृत्यु, किसी लघुकथा की तरह, तू भी एक ही क्षण को समेटे है अपने भीतर। हाँ! एक फर्क ज़रूर है…
Read Moreजब याद तुम्हारी आती है मन आकुल व्याकुल हो जाता है तुम चांद की शीतल छाया हो तुम प्रेम की
Read Moreइक सांस का बहाना बहुत है जिंदगी के लिए.. तमाम उम्र बीत जाये… इसी बहाने जिंदगी के लिए… कभी अपने
Read Moreफूलों को ह्रदय से लगाना,शूलों से फिर क्या घबराना। रीत सनातन इस जीवन की,सुख-दुःख का है आना-जाना।।1।। सुख का स्वागत
Read Moreकाले रंग की आड़ केलर, पलकों की हरकतों से, बेहद अदाएँ बरसानेवाली, लुका-छिपी आँखों की नमी में, ढकी-छिपी थी, मेरी
Read Moreढल रही है ये शाम, रात होने को है घिर गई बदरा, बरसात होने को है जुबां खामोश रहे, तो
Read Moreवो पागल लड़की है जो मुझ पर मरती है बिन बोले आंखों से वह सब कुछ कहती है न जाने
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