बालगीत – धूप सुहानी
लगती हमको धूप सुहानी। जाड़े की कहलाती रानी।। जब जाड़े का मौसम आता। बहुत-बहुत हमको वह भाता। दादी कहती खूब
Read Moreलगती हमको धूप सुहानी। जाड़े की कहलाती रानी।। जब जाड़े का मौसम आता। बहुत-बहुत हमको वह भाता। दादी कहती खूब
Read Moreछुक-छुक, छुक-छुक, चली रेल, छुक-छुक दौड़ेंगीं, प्रिय सखा हमराह होंगे, मीठी-मीठी बातें होगी।। हंसी-ठिठोली, मौज मस्ती, रंग बहार लाएगी दोस्ती,
Read Moreसरदी जी लाए पैगाम ,शीत ऋतु का तुम्हे सलाम। सुबह जल्दी मत उठना तुम ,करना देर तलक आराम। दिन भर
Read Moreचलो कुछ कर जाएँ, हम पंछी बन जाएँ। नील गगन उड़ते हुए। चींव-चाँव करते हुए।
Read Moreअ से अक्षर ज्ञान बना है आ से है आदर्श बना इ से इमली ई से ईख उ से उत्तम
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