बालगीत – नवदुर्गा झाँकियाँ
सजीं मंच पर सुंदर झाँकी। नौ रूपों में दुर्गा माँ की।। शैलसुता माँ वृषभ सवारी। ब्रह्मचारिणी तपती
Read Moreसजीं मंच पर सुंदर झाँकी। नौ रूपों में दुर्गा माँ की।। शैलसुता माँ वृषभ सवारी। ब्रह्मचारिणी तपती
Read Moreख़ुशी मनाएँ पीटें ताली। आने वाली है दिवाली।। राम लौट लंका से
Read Moreआओ यार स्वेटर मफलर रजाई । अजी तुम कहाँ हो भाई । ठण्ड लगी है मुझे जी । कुछ नहीं
Read Moreसदियों पहले टकराए ग्रह कहते हैं उससे धरती बनी ! “आग का गोला” थी तब यह, फिर धीरे-धीरे शाँत हुई
Read Moreविधि की अद्भुत रचना प्यारी। चश्मा टेकन की तैयारी।। एक नाक दो कान बनाए। सूँघें खुशबू सुन भी पाएँ।।
Read Moreनई स्कूटी लेकर आया राजू भालू, उसका दोस्त चिम्पू बंदर है बहुत चालू। मीठी बातो से राजू को बहकाता,
Read Moreसबसे अच्छे और महान। अम्मा – बापू घर की शान।। पहले सबसे माँ की पूजा। नहीं पिता सम कोई दूजा।।
Read Moreइंद्रेश उनियाल का प्रथम प्रयास – तीन बाल गीत 1.महक-चहक फूल महक रहे बगिया में, पक्षी चहकें घर-आंगन में, फाग महीना
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