बाल कविता – चिड़िया
फुदक-फुदक कर नाचती चिड़िया, दाना चुंगकर उड़ जाती चिड़िया हरी-भरी सुंदर बगिया में, मीठे-मीठे गीत सुनाती चिड़िया अपने मिश्रीघुले बोलों
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Read Moreमुझको भी गर… कोई जिन्न मिल जाता, और पूछता मुझसे… मेरी अभिलाषा ! बिन सोचे उसको… मैं कह जाती, काश
Read Moreएक आह्वान, छह कवियों के बाल गीत! 1.बिल्ली-चूहा बिल्ली बोले म्याऊँ-म्याऊँ, चूहा कहे, ”कहाँ छुप जाऊँ?” बिल्ली बोली, ”छुप न
Read More1.आज के बच्चे कल के नेता आज के बच्चे कल के नेता, आगे बढ़ते जाएंगे देश की सेवा करने हेतु,
Read Moreअपनी सारी कथा सुनाती। कहती ‘मैं पुस्तक कहलाती।।’ ‘मेरे अन्दर गीत कहानी। मेढक मछली नाना नानी।। रंग –
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Read Moreकीट पकड़ कर डाॅक्टर आए । मुझे देख कर वो मुस्कुराकाए । छुए हाथ और छुए माथा , बुखार होने
Read Moreहर हाथ में रहे तिरंगा भाई । हर हाथ में बहे गंगा भाई । तन-मन सुंदर निर्मल-धवल । चेहरे पर
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