ईमानदारी का पुरस्कार
रामू नाम का लकड़हारा, नदी किनारे पर रहता था, रोज सवेरे जल्दी उठकर, जंगल को जाया करता था. लकड़ियां लाकर
Read Moreरामू नाम का लकड़हारा, नदी किनारे पर रहता था, रोज सवेरे जल्दी उठकर, जंगल को जाया करता था. लकड़ियां लाकर
Read Moreरामू खेलकर घर में आया, देखा नल को बहता उसने, सोचा ममी बंद करेंगी, नल को बंद किया ना उसने.
Read Moreमलेरिया का वाहक हूं, आपके खून का ग्राहक हूं, ज्वर फैलाना मेरा काम, मच्छरमल है मेरा नाम, सबको ही है
Read Moreबड़ा या छोटा सा पेड़ अपने घर एक लगाओ सभी प्यार से पेड़ कम अधिक जगह देखकर छोटा या बड़ा
Read Moreनन्हा टिंकू गया बजार, लेकर आया केले चार. केला एक दिया ममी को, केले रह गए बाकी तीन, बोला, ”कौन
Read Moreनन्हा मैं हूँ नन्हा सा ही पेड़ लगाऊंगा, भरी जवानी में फल जिसके ढेर खाऊंगा। हरी भरी धरती पर बरसेंगें
Read Moreएक सेठ का नौकर मूढ़-सा, शेखचिल्ली था उसका नाम, चलते-फिरते, जागते-ऊंघते, सपने लेना उसका काम. एक बार बोला मालिक से,
Read Moreचुन्नू मुन्नू दौड़े आये दादी से कुछ बात बताये जो नही दिखती थी मेरे घर में आज वह बाहर देखी
Read Moreप्यारे – प्यारे बच्चे आएँ नाना के घर खुशियाँ लाये! मीठे- मीठे बोल सुनाकर सबके दिल पर राज कराते! नानी
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