बालकविता “जीवन श्रम के लिए बना है”
चिड़िया रानी फुदक-फुदक कर, मीठा राग सुनाती हो। आनन-फानन में उड़ करके, आसमान तक जाती हो।। मेरे अगर पंख होते
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Read Moreमुश्किल हैं विज्ञान, गणित, हिन्दी ने बहुत सताया है। अंग्रेजी की देख जटिलता, मेरा मन घबराया है।। भूगोल और इतिहास
Read Moreजागो भैया अभी समय है, वर्ना तुम भी जी न सकोगे। गंगा का पानी दूषित है, गंगाजल तुम पी न
Read Moreसूरज दादा कहाँ गए तुम, काह ईद का चाँद भए तुम। घना अँधेरा, काला – काला, दिन निकला पर
Read Moreघर घर में खुशियाँ लाया मीठे मीठे पकवान और रंग बिरंगे तारे लाया क्रिसमस आया क्रिसमस आया गुब्बारे संग तितलियाँ
Read Moreठंडी आई, ठंडी आई, ओढ़ो कम्बल और रजाई। कोहरे ने जग लिया लपेट, गाड़ी नौ – नौ घण्टे लेट। हवाई
Read Moreनया वर्ष आया, सुहाना, नया वर्ष आया खुशियां है लाया, सुहाना, खुशियां है लाया नए वर्ष में नए तराने गाएं-नाचें-धूम
Read Moreरंग-बिरंगी मीठी मीठी कुल्फी खाकर याद करोगे तुम भी आओ बच्चो खाकर देखो स्वाद भी है और पौष्टिक भी यह
Read Moreआज के आधुनिक बच्चों के पास एक-एक दाना उठाकर पॉप कॉर्न खाने का समय नहीं है वे वीडियो देखते-देखते गिलास
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