मेरे घर में बना बगीचा
मेरे घर में बना बगीचा, हरी घास ज्यों बिछा गलीचा। गेंदा, चम्पा और चमेली, लगे मालती कितनी प्यारी। मनीप्लांट आसोपालव
Read Moreमेरे घर में बना बगीचा, हरी घास ज्यों बिछा गलीचा। गेंदा, चम्पा और चमेली, लगे मालती कितनी प्यारी। मनीप्लांट आसोपालव
Read Moreहम बच्चे है, इतिहास पढ़ने में कच्चे है पर सदा ही अपनी बात में सच्चे हैं। इतिहास हैं कि बढ़ता
Read Moreदर्जी कहता सुई से तू है कितनी छोटी मैं हूँ, लम्बा चौड़ा दर्ज़ी तू, नाप सके ना उतना करता हूं मैं
Read Moreअब सरदी की हवा चली है, गरमी अपने गाँव चली है। कहीं रजाई या फिर कम्बल, और कहीं है टोपा
Read Moreशरदपूर्णिमा है जब आती। चमक चाँद की तब बढ़ जाती।। धरती पर अमृत टपकाता। इसका सबको “रूप” सुहाता।। नभ में
Read Moreमामू की शादी में हमने, खूब मिठाई खाई। नाचे-कूदे, गाने गाए, जमकर मौज मनाई। आगे-आगे बैण्ड बजे थे, पीछे बाजे
Read Moreचलो, बुहारें अपने मन को, और सँवारें निज जीवन को। चलो स्वच्छता को अपना लें, मन को निर्मल स्वच्छ
Read Moreबच्चो, चलो चलाएं चरखा, बापू जी ने इसको परखा। चरखा अगर चलेगा घर-घर, देश बढ़ेगा इसके दम पर।
Read Moreआओ बाबू, लाला आओ, गरमागरम समोसे खाओ। काजू, किसमिश, मेवे वाला, धनियाँ मटर पुदीना डाला। आलू इसमें शिमले वाला, डाला
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