बाल कविता
बन सिपाही जिस दिन सरहद पर जाऊंगा। दुश्मन को फिर उस रोज़ मज़ा चखाऊंगा। मां तुम रोना मत गर वापिस
Read Moreआसमान से बारिश आई। धरती पर हरियाली छाई।। कोयल गाती मधुर तराना, मौसम कितना हुआ सुहाना, विद्यालय खुल गये हमारे,
Read Moreमम्मी अब मै भी कागज की नाव बनाऊँगा रिम झिम जो बरसे बारिश तो फिर पानी में उसको तैराऊँगा मम्मी
Read Moreइन्द्रधनुष के रंग निराले उमड़े बादल काले-काले पल में तोला, पल में माशा नभ में होता आज तमाशा कुदरत के
Read Moreकहाँ चले ओ बन्दर मामा, मामी जी को साथ लिए। इतने सुन्दर वस्त्र आपको, किसने हैं उपहार किये।। हमको ये
Read Moreएक बार की बात सुनो,जंगल में पड़ा अकाल, भूख प्यास से तड़पे सारे,हाल हुआ बेहाल, एक- एक कर ,सूखे सारे
Read Moreअबकी मानसून में कोई, कविता नहीं लिखेंगे केवल बारिश मे भीगेंगे, छप्पा – छईं करेंगे रेन कोट भी न पहनेंगे,
Read Moreफूल चीख चीख चिल्लाय सब जब तोड़ मंदिर में चढ़ाए फूल डाली झुक झुक जाय मुन्नी को देख रोज मुस्काए
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