बचपन के दिन
खुशियों के वे पल आ जाते।बचपन के वे दिन मिल जाते।रोना-धोना, खेल-खिलौना,हंसते-गाते बढ़ते जाते।। बारिश में सब नाव चलाते।चाट पकौड़ी
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Read Moreशीतकाल सौगातें लाया।ठंडी ऋतु का मौसम भाया।।छोटे दिन की लंबी रातें।अगियाने पर होतीं बातें।।गरम रजाई ने गरमाया।शीतकाल सौगातें लाया।।गज़क तिलकुटी
Read Moreउम्र के इस पड़ाव पर लगता है कि त्योहार बदल गये या फिर हम बदल गये । चलो मान लिया
Read Moreहुक्का,गुटका,चिलम, तँबाकू।नर- जीवन के हैं सब डाकू।। हुक्के में जो धुँआ उड़ाता।नश्तर तन में स्वयं चुभाता।। सट-सट धुँआ चिलम से
Read Moreगोलू अपनी पढ़ाई कर रहा था। मम्मी नहा धो कर आई अपने बेटे गोलू से बोली बेटा गोलू यह लो
Read Moreपात्र परिचयनाम चरित्र उम्रमोहनदास – एक रिटायर्ड दुकानदार 75विमलादेवी – मोहनदास की धर्मपत्नी 70सोनू – मोहनदास और विमलादेवी का सुपुत्र
Read Moreकड़ाके की ठंड पड़ रही थी। साँझ होते ही जंगल के सभी जानवर अपने-अपने घरों
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