लघुकथा – बेबसी
प्रयाग पुस्तक भवन के भव्य काउण्टर पर पुस्तकें देख रहे तुषार को एकाएक अपनी पसंद की पुस्तक मिल गई थी,
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Read Moreजून 2024, दूसरे पखवाड़े के 5 दिन ही बीते थे। सूरज अपनी ही आग में जला जा रहा था। तीखी
Read More“माँ, इस एफ.डी.आर. में भी नॉमिनी मुझे ही रखना, भैया सम्भाल नहीं सकता।” “बेटे, मैं बराबर बांटना चाहती हूँ। उसको
Read Moreकुछ चीजें ऐसी होती हैं, जिनसे हमें एक अलग तरह का लगाव ,प्यार या यूं कहें इसके करीब होने से
Read Moreएक मनोविज्ञान के छात्र ने अपने सेवानिवृत्त अध्यापक पिता से पूछा- ” बाबूजी ! मैंने एक उदाहरण से सुख की
Read Moreहम रोज अपने सोसाइटी जमशेदपुर स्थित टेल्को घोराबंधा आलोक विहार में फूल चुनने जाते हैं। फूल चुनने के क्रम में
Read Moreतूफान चलने लगा जो बाहर के बर्फीले तूफान से भी भयंकर था। वह कमला को छोड़कर नहीं जा सकता था
Read Moreअगस्त महीने का पहला सप्ताह बरसात अपने पूरे शबाब पर थी ।पहले रिमझिम रिमझिम फुहारें गिरने लगीं । फिर धीरे-धीरे
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