संतुलन
लघुकथा संतुलन ग्राम पंचायत की बैठक चल रही थी। इसमें सरकार द्वारा मनरेगा के मजदूरों का भुगतान सीधे उनके खाते
Read Moreअपनी-अपनी विवशता“भैया टमाटर कैसे दिए ?”“50 रुपए में एक किलो साहब जी।”“भिन्डी कैसे ?”“60 रुपए में एक किलो साहब जी।”“आप
Read Moreगले की फाँस “ये क्या मिश्रा जी, अगले महीने सेवानिवृत्त होने के बाद आप फिर से इसी ऑफिस में संविदा
Read Moreलघुकथा घड़ियाली आँसू महेंद्र और रमेश में जमीन को लेकर वर्षों से दुश्मनी चल रही थी। एक दिन अचानक हृदयाघात
Read Moreगंगा प्रसाद बचपन से ही एक रईस दबंग खानदान से ताल्लुक रखता था । वह पुरखों की बनाई हुई चाय
Read Moreआज 31 दिसंबर है, ईसवी वर्ष 2023 का अंतिम दिन। देखा जाए तो जीवन का प्रत्येक दिन महत्त्व पूर्ण होता
Read Moreप्रातः काल का समय,पर्वतों की ओट से सूर्य की सुनहरी आभा आसमान को सिंदूरी लाली से भर रही थी।पंछीगण चहचहाते
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