छंद
प्रीति बन्धन में बंधा सा,तमतमाया सा कसा सा, दस्तके देता हुआ सा,द्वार पे आया ‘बसंत’ ! नींद से जागा हुआ
Read Moreरहता काँटों संग मैं, मेरा नाम गुलाब। जिसके हाथों में गया, लगे देखने ख्वाब।। लगे देखने ख्वाब, प्रेम जोड़े हैं
Read Moreहोली के रंग में रंगा ,खुश हो शहर तमाम,खुशियाँ झूमीं हर तरफ,नाच उठे गुलफाम,नाच उठे गुलफाम,ढोल बज उठे सुहाने ,
Read Moreहिन्द की रीति की प्रीति देखो जरा विश्व सारा कुटुम्बी हमारा यहाँ | मातु सी पत्नियाँ दूसरों की दिखें, पापिनी
Read More(1) इनको कुर्सी चाहिए, दल से नहीं है प्यार। जो दल इनको टिकट दे, सदा रहें तैयार। सदा रहें तैयार,
Read Moreस्वर की देवी कोकिला, मीठी सी आवाज। सात सुरों के ताल से, पहनी सुर का ताज।। पहनी सुर का, ताज
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