खानदानी
खानदानी हैं वो, खानदानी पसन्द है, हर कदम-कदम पर बेइमानी पसंद है, अवसान हिंदुओं का इस देश में होवे युवराज
Read Moreरचना रब की श्रेष्ठ है,मनुज धरा पर एक। स्वार्थ लिए नीचा हुआ,भूल परमार्थ नेक।। भूल परमार्थ नेक,दंभ में जीवन जीता।
Read More(1) जीना इक अरमान है,जीना इक पहचान जीने का सम्मान हो,जीने का यशगान जीने का यशगान,प्यार का प्याला पीना मानवता
Read Moreहरियाली छाय रही धरा इठलाय रही देखो आम्र कुंजन में कोयलिया गावत है बासन्ती बयार चले झूम -झूम मन हरे थिरकत बागन में सुख
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