हनुमान स्तुति, छंद घनाक्षरी
हनुमान -स्तुति (छंद घनाक्षरी) रात – दिन साधना में,राम की आराधना में, शत्रु को विनाश और, काल हु पे भारी
Read Moreहनुमान -स्तुति (छंद घनाक्षरी) रात – दिन साधना में,राम की आराधना में, शत्रु को विनाश और, काल हु पे भारी
Read Moreअपने मन की गति बांध अरे यह मांग रहा अब जीवन तेरा| मन में धर धीर करो सब काम मिटे
Read Moreमोहर सिंह डाकू गयो, धरा छोड़ि यमलोक मचा लुटेरों के जगत, में दुखदाई शोक में दुखदाई शोक, अरे कुछ दिन
Read Moreदेना है तो दीजिये , थोडा सा सम्मान ,बदले में ले लीजिये खुशियों भरा जहान,खुशियों भरा जहान, लगेगा जीवन प्यारा,होंगे
Read More1 जैसी मन की सोच है,वैसे ही फल फूल। सोचा अगर बबूल है,चुभें देह में शूल।। चुभें देह में शूल
Read Moreघर से मत निकलो, सब जन प्रण लो, तालाबंदी सफल बने । थोड़ा गम खाओ, मत घबराओ, छँट जाएँगे मेह
Read Moreपीड़ित सकल समाज है,कोरोना से आज | ड्रैगन की करतूत से, गिरी सभी पर गाज | गिरी सभी पर गाज
Read Moreकोरोना से डर नहीं , भीड़ में नहीं काम । कोरोना से बच रहो , लेना प्रभु का नाम ।।
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