कुंडली
तुम आई न प्रियतमे, आई निष्ठुर शीत । शूल सरीखी शीत में,घायल मेरे गीत । घायल मेरे गीत ठिठुरते हैं
Read Moreममता तू है दोगली, स्वयं लगाकर आग अब कहती है जोर से, “भाग रे भइया भाग” भाग रे भइया भाग,
Read Moreप्याज बेचारी क्या करे, लोग करें बदनाम ‘महबूबा’-सा किया है गोडाउन में जाम गोडाउन में जाम, मचा कोहराम देखिए सपनों
Read More(1) कितना वहशी हो गया , देखो रे इंसान। लाज – हया धो पी गया , दिखती कोरी शान।। दिखती
Read Moreबचपने की ढल गयी है ,खूबसूरत शाम । करवटें बदली उमर ने ,तज सुखद आराम । खो गए वो दिन
Read Moreराम कसम इस बार तो, बच्चो करना माफ दिल में भारी टीस है, बतलाता हूँ साफ बतलाता हूँ साफ, शरम
Read More१) चाय बेचकर बन गया, भक्तजनों पी एम । पीने वाले बन गये, जनपद के डी एम।। जनपद के डी
Read Moreअपने – अपने सब लोग कहें, अपनों न दिखौ सिगरे जग माहीं। सब स्वारथ लागि जुहार करें, बस पेड़ ही
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