दर्द तिरंगे का
मैं तिरँगा तीन रंग का चौथे रंग में रंग जाता हूँलेकर लहू लाल रंग लाल की बलि चढ़ाता हूँकोख कलाई
Read Moreमैं तिरँगा तीन रंग का चौथे रंग में रंग जाता हूँलेकर लहू लाल रंग लाल की बलि चढ़ाता हूँकोख कलाई
Read Moreजन्न्त का पहनावा पा कर आई फिर बसंतधरती दुल्हन भांति सजा कर आई फिर बसंतखुशबू के अलंकार सुशेभित तेज़ हवाओं
Read Moreश्रेष्ठ जनों से लीजिए, जीवन पथ आधार।उनका ही आशीष ले, करें स्वप्न साकार।। नीति नियम भी आपके, जीवन का हो
Read Moreइस की शोभा अजब निराली अमर रहे गणतंत्र प्यारा।कुर्बानी भीतर खुशहाली अमर रहे गणतंत्र प्यारा।आज़ादी के जन्म दिवस पर इस
Read Moreयही जी चाहता है बस इन्हीं खेतों में खो जाऊँइसी मिट्टी में रम जाऊँ इसी दुनिया में खो जाऊँ इसी
Read Moreभले ही कोई साथ नहीं है, भले ही, हाथ में हाथ नहीं है।दूरी भले ही बनाई तूने, नहीं कहा कभी,
Read Moreवे दिन नहीं लौट कर आतेजो बचपन में बीते। सर्दी गर्मी नहीं सताएसावन भादों बरसे।रहे प्रफुल्लित बचपन खिलताहरसे हरसे हरसे।।हृदय
Read Moreकभी जो भर जाएं आंखें,हाल दिल का लिख देना तुम।कभी जो कहने को हो बहुत,तुम कह न पाओ वो सब
Read Moreतुमने पथ ही मोड़ दिया जिस हाथ से हाथ था पकड़ा, तुमने हाथ वह तोड़ दिया। जीवन पथ पर साथ
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