गीत/नवगीत

गीत/नवगीत

कश्मीर के हालात पर

ओ जन्नत के वाशिंदों,अब क्यों इतने लाचार हुए,कहाँ तुम्हारी पत्थर ईंटे,कहाँ सभी हथियार हुए,कहाँ गया जेहाद तुम्हारा,पाक परस्ती कहाँ गयी,कहाँ

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गीत/नवगीत

गीत – जिह्वा रूपी शमशीर 

सत्ता  पाने   का   अहंकार, सत्ता  खोने   की   पीर  बड़ी। दोनों ने  मिलकर  खींची है, रंजिश की एक लकीर बड़ी।। है एक पक्ष  जो  भारत को   अपनी  जागीर समझता है। सत्ता  को  सोने  की प्याली  में  रक्खी खीर समझता

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