गीत/नवगीत

गीत/नवगीत

खनकें चूड़ीं बारम्बार

घरनी की दोमृदुल कलाईखनकें चूड़ी बारम्बार। पग में पायलकमर करधनीहाथों में संगीत उभार।कहती हैं क्याहरी चूड़ियाँखोलो साजन बन्द किवार।। समझें

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