तन-मन-धन सब मिलकर ही
प्रेम में नहीं भिन्न कुछ होता, एकाकार हो जाते हैं। तन-मन-धन सब मिलकर ही, गीत मिलन के गाते हैं।। तन
Read Moreप्रेम में नहीं भिन्न कुछ होता, एकाकार हो जाते हैं। तन-मन-धन सब मिलकर ही, गीत मिलन के गाते हैं।। तन
Read Moreप्रेम नहीं सबको मिल पाता, सबके ही परिवार न होता।फसल और ही ले जाते हैं, पाता नहीं, जो उसको बोता।।
Read Moreहै अति मंगलकारी प्रभु का नामजय श्री राम,बोलो जय श्री रामचाहे सुबह हो, या हो शामश्री राम जय राम, जै
Read Moreछुपे हुए सच को बाहर आ जाने दीजिए।लिखा जिसने गाना उसको गाने दीजिए।। छुपना और छुपाना क्यों,झूठ ज्यादा फैलाना क्यों,सच्चाई
Read Moreआया पर्व सुहाना है गवरा को पूजना है ।मीठे भजन गाकर के मॉं से “आनन्द” पाना है ।। मॉं गणपत
Read Moreस्वारथ का है खेल जगत का, स्वारथ का ही मेल है। स्वारथ हित है प्रेम उमड़ता, घर बन जाता जेल
Read Moreहां मैं हिन्दू हूं अध्यात्म का केन्द्र बिन्दु हूं सह-अस्तित्व में विश्वास रखता हूंज्ञान, विज्ञान का अपार सिन्धु हूंहां मैं
Read Moreक्या? लिखूं 4 महीने का चिंतन-मनन,संवेदनहीन व अमानवीय था आकलन।यूँ पीड़िता के स्तनों-अंगों को पकडना,ये सुनों फिर पायजामे का नाड़ा
Read Moreआओ हे नव वर्ष! हर्ष बरसाते आओसुख-समृद्धि मेघ रूप धर, तुम छा जाओ ॠतुंभरा का कण-कण, स्वागत करने आतुरतृण-तृण पलक
Read Moreहोगा नवल विहान सजीला नव संवतसर आया है |चहुँ दिस है मधुमास प्रफुल्लित पावन अवसर आया है | शीत न
Read More