श्रृंगार धरती का !!!!
हरियाली ये श्रृंगार धरती का उजाड़ो मत ! …. हैं वरदान धरा में पेड़ पौधे बचा लो इन्हें ! …
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Read More1 – स्वर्ग है कहीं माँ के ही चरणों में ढूँढो तो सही | 2 – माँ वंदनीय चौदह भुवन
Read More1 – क्या -क्या जंजाल इक्कीसवीं सदी में सब बेहाल | 2 – सत्य कसैला मनमोहक झूठ बाजी ले लूट
Read Moreहोली पर हाइकु 01ः- रंग होली का जब धोये कटुता सार्थक हो। 02ः- होली के रंग अपनत्व के साथ रंग
Read Moreप्रेम फागुनी मन के उत्सव में भीगता रहे ! .. रंग गुलाल चले भंग के संग मचाते शोर ! ..
Read More1. हाल बेहाल मन में है मलाल कैसी ज़िन्दगी? जहाँ धूप न छाँव न तो अपना गाँव! 2. ज़िन्दगी होती
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