गंगा-वंदना–चौपाईयों में
गंगा मइया तुम हो पावन,तुम तो हो सबकी मनभावन। तुम हर लेतीं सबके दुख को,देतीं हो फिर सबको सुख को।।
Read Moreगंगा मइया तुम हो पावन,तुम तो हो सबकी मनभावन। तुम हर लेतीं सबके दुख को,देतीं हो फिर सबको सुख को।।
Read Moreआये हमसब माँ के द्वारे, अर्जी आज लगाने। तुम भी आओ माँ के द्वारे, छोड़ो सभी बहाने। माता गिरियों में
Read Moreहे दिनों के दाता विधाता हो तुम हे सृष्टि के पालक संहारक हो तुम जब कोई मुसीबत में पड़ी नाव
Read Moreजय महादेव जय श्री शिवा शंकरम्।अम्बिकानाथ,श्रीकंठ पद पंकजम्।है जटाओं में गंगा,गले नाग हैं,शीश पर चंद्रमा,काम का त्याग है।शूलत्रय,डमरू,नंदी समाधी लिए,नेत्र
Read Moreहे प्रभो हमारे मन मन्दिर में ज्योतिर्मय दीप जला देना जीवन में सबके भर प्रकाश खुशियों के फूल खिला देना
Read Moreमात भवानी धरा पर आओ, तेरे भक्त पुकारे मां आ जाओ। हर छमाही माता तेरे नवरात्रे आते, पूजा अर्चना से
Read Moreवीणापाणि माँ वागेश्वरी, शारदा !सकल सृष्टि आज त्राहि पुकारता | नैनों में थे खुशियाँ जिनके उन आंखों में हैं आँसू
Read Moreहे जगत जननी दुर्गे अंबे, हे महामाया अंबिका, तोडो ये चक्रव्यूह अब, मन जिसमें मेरा उलझ रहा, नहीं ज्ञान मुझको
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