भजन/भावगीत

श्री चरण

श्री चरणों का दरस करा दो
ओ    बरसाने   वाली  राधा
तुमसे  ही   संपूर्ण   हुआ  है
तुम  न हो तो श्याम है आधा
नयनों  में  शुभ  छवि तुम्हारी
उमड़ रहा करुणा  का सागर
चहु  दिश गूंजे वंशी की धुन
ज्यों रागों की छलकी गागर
छलिया माखन चोर कन्हैया
ना समझो तुम सीधा -साधा
तुमसे  ही   सम्पूर्ण  हुआ  है
तुम न हो तो श्याम है  आधा
सारा जगत दिवाना जिसका
वो  कान्हा  बस  तुम्हें पुकारे
मेरे  उर  की  इक अभिलाषा
नयना   उनका   रूप   निहारे
मेरी     अर्ज़ी    उनको   देना
थोड़ा   काम  नहीं  है  ज़्यादा
तुमसे   ही   सम्पूर्ण  हुआ  है
तुम न हो तो  श्याम  है आधा….
— अनामिका लेखिका

अनामिका लेखिका

जन्मतिथि - 19/12/81, शिक्षा - हिंदी से स्नातक, निवास स्थान - जिला बुलंदशहर ( उत्तर प्रदेश), लेखन विधा - कविता, गीत, लेख, साहित्यिक यात्रा - नवोदित रचनाकार, प्रकाशित - युग जागरण,चॉइस टाइम आदि दैनिक पत्रो में प्रकाशित अनेक कविताएं, और लॉक डाउन से संबंधित लेख, और नवतरंग और शालिनी ऑनलाइन पत्रिका में प्रकाशित कविताएं। अपनी ही कविताओं का नियमित काव्यपाठ अपने यूटयूब चैनल अनामिका के सुर पर।, ईमेल - anamikalekhika@gmail.com