कदम-कदम हैं, बिछी समस्या,
समाधान तुम खुद बन जाओ मानवता जब भटक रही हो, आगे बढ़ कर पथ दिखलाओ। कदम-कदम हैं, बिछी समस्या, समाधान
Read Moreसमाधान तुम खुद बन जाओ मानवता जब भटक रही हो, आगे बढ़ कर पथ दिखलाओ। कदम-कदम हैं, बिछी समस्या, समाधान
Read Moreउठी जो आंख भारत पर, उसे इतना गिरा देना।चिरागों से नहीं डरते, मशालें हम, सुना देना। सुहागिन हो गई विधवा,
Read Moreदहेज की बातें करते हो,सड़कों पर मोमबत्तियाँ जलाते हो,पर बेटी की शादी में फिर भी,बैंक बैलेंस पर निगाहें गड़ाते हो।
Read Moreअब कोई तुर्कीए पर ना करना भरोसा,मित्रता के नाम पर हथियार है परोसा।तुर्कीए में भूकंप का कहर बरसा गुरू,भारत ने
Read Moreलक्ष्य अधूरा ही रहा, मन में रहा मलाल।मिल जाती कुछ छूट तो, करते बहुत कमाल।।लक्ष्य अधूरा ही रहा, चूक गई
Read Moreजी में आता है के अब तर्क़ मुहब्ब्त कर दूं,ख़त तेरे सारे ही, हवाओं के हवाले कर दूं, तकाज़ा ए
Read Moreपीर विश्वासघात की ऐसे ।खुला आकाश, वस्त्र जर्जर हो,और अगहन की रात हो जैसे। जेठ की जलती दोपहर जैसे।महामारी का
Read Moreतीन लोक नौ खंड के कर्ताभक्ति मृत्यु मोझ धर्म के प्रंचड सुलेखाहे काशी तेरी अनोखी गाथाराम नाम के वस्त्रों से
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