पद्य साहित्य

कविता

कविता (महिला दिवस) – नारी जन्नत की परिभषा

नारी जन्नत की परिभाषा।नारी पीढी की अभिलाषा।नारी मन्दिर में जैसे ज्योति।नारी समता से भरी गोदी।नारी शीतल नीर समन्दर।नारी सचखण्ड में

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