आक्षेप मत कर
ऐ पुरुष आक्षेप मत करकि निकलती हूँ मैंकम कपड़े पहन करक्या कभी देखा खुद कोबजारों में, दुकानों परअधनंग कटि के
Read Moreऐ पुरुष आक्षेप मत करकि निकलती हूँ मैंकम कपड़े पहन करक्या कभी देखा खुद कोबजारों में, दुकानों परअधनंग कटि के
Read More1) ले धागे को साथ में, ऊँची उडे पतंग। छूना है आकाश को, मन में आस उमंग।। 2) हिंदी से
Read Moreयह सत्य का उदघोष है, सनातन संस्कृति का प्रभाव है,आस्था की डुबकी में हमारी विरासत हैसंस्कारों में हमारा धर्म है,यही
Read Moreमैं आजाद स्वछन्द परवाजनहीं चाहिये बंधन का रिवाजउड़ मड़राता नीले गगन मेंअपने जीवन में खुश मगन हैं ना किसी की
Read Moreयही हकीकत है,जिंदगी का रहस्य है,उमंग और उत्साह से भरपूर शौर्य है,यही विश्वास है,उम्मीद बनाएं रखने का,सबसे खूबसूरत प्रयास है।
Read Moreनज़रों से मेरी आंखों को ज़रा ग़ौर से पढ़ना।नशा इसमें बस तुम्हारी आंखों का ही मिलेगाधड़कनों पर मेरी हाथ ज़रा
Read More