पुरुषोत्तम मास – अधिकस्य अधिकम् फलम्
इन दिनों सर्वत्र पुरुषोत्तम मास यानि की अधिक मास की धूम है। मन्दिरों, मठों, आश्रमों से लेकर सत्संग और कथा पाण्डालों तक
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Read Moreबड़े ही हर्ष का विषय है कि दिनाँक 14 अगस्त से हमसब का प्रिय पर्व पर्वाधिराज पर्युषण महापर्व का प्रारम्भ
Read More‘पर्युषण पर्व’ आत्म-शुद्धि का पर्व है। यह सत्य, अहिंसा और प्रेम का प्रतीक है एवं इसका एक आध्यात्मिक महत्त्व भी
Read Moreवैश्विक स्तरपर भारत आदि अनादि काल से ही आध्यात्मिकता की मिठास में डूबा हुआ एक अनमोल भाग्यशाली देश है, जिसकी
Read Moreनागपंचमी को सांप पंचमी क्यों नहीं कहा जा सकता? सरीसृप प्रजाति के प्राणी को पूजा जाता है ,वह सर्प है
Read More[अनेक मुस्लिम विद्वान् गोबध को कुरान सम्मत बताकर गौहत्या जैसे घोर पाप का समर्थन करते हैं तथा हिन्दुओं की गौ
Read Moreअब एक और अभियान चलाया जाए, देवभूमि उत्तराखंड को बचाया जाए। भूलकर बैर भाव और अपनी दुश्मनी, अमन के दुश्मनों
Read Moreभगवान शिव को सावन का महीना अत्यंत प्रिय है । इसी महीने में समुद्र मंथन हुआ था एवं मंथन से
Read Moreवर्षा से नहायी और हरियाली की चादर ओढ़े सजी-सँवरी प्रकृति के सौन्दर्य को निहारने के लिए प्रकृति प्रेम से परिपूर्ण
Read Moreभगवान शिव को समर्पित यह श्रावण केवल शिव साधना के विभिन्न आयामों के निर्वाह मात्र या आयोजनों में रमे रहने
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